हमारे बारे में
"आश्रय हमारा है, हम बेघरों का सहारा है"
-महापंचायत 2014
कौन हैं हम ?
रोजाना हजारों की संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे बिना छत के सोते नजर आते हैं। क्या हम सोचते हैं, वे कौन हैं? वे कहां से आते हैं? वे बिना घर के क्यों हैं? सरकार और समाज के अन्य नागरिक ज़मीनी स्तर पर काम क्यों नहीं कर रहे हैं? इन जवाबों की तलाश में बेघरों की मदद करने की हमारी यात्रा सन् 2000 में शुरू हुई थी।
हम बेघर होने के मुद्दे को सार्वजनिक कार्यक्षेत्र में लाए, और सरकार से उन्हें बुनियादी सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से समायोजित करने की मांग की। हमने २००१ में दिल्ली में फुटपाथ पर सो रहे लोगों की गिनती की और पाया कि करीब १,००,००० लोग बेघर हैं। बेघर लोगों के अनुभवों और संघर्षों को मीडिया और अदालतों में साझा करते हुए, हमने इसे राज्य की कार्यसूची में लाने के लिए सफलतापूर्वक माहौल तैयार किया।
तब से हम इस उद्देश्य के प्रति गहरी प्रतिबद्धता और जुनून के साथ आश्रय अधिकार अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। हमारे हस्तक्षेप और मॉडल आश्रयों ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है और उनका समर्थन करना जारी रखा है।
मिशन
आश्रय और पुनर्वास, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और नागरिकता के अधिकार के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार और बेघर और अन्य हाशिए के समूहों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
दृष्टि
आशा और आश्रय से बेघरपन को मिटाना